Tuesday, November 24, 2009

जब किसी से कोई गिला रखना

जब किसी से कोई गिला रखना


सामने अपने आईना रखना





यूं उजालों से वास्ता रखना


शम्मा के पास ही हवा खना





घर की तामीर चाहे जैसी हो


इसमें रोने की कुछ जगह रखना





मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिये


अपने घर में भी कहीं ख़ुदा रखना





- निदा फाज़ली

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