Wednesday, November 18, 2009

इंसान

इंसान में हैवान

यहां भी है वहां भी

अल्लाह निगेहबान

यहां भी है वहां भी

खूंखार दरिन्दो के

फ़क़त नाम हैं अलग

शहरों में बियाबान

यहां भी है वहां भी

रहमान की कुदरत हो

या भगवान की मूरत

हर खेल का मैदान

यहां भी है वहां भी

हिन्दू भी मज़े में

हैं मुसलमां भी मज़े में

इन्सान परेशान

यहां भी है वहां भी

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निदा फ़ाज़ली

1 comments:

मनोज कुमार said...

खूंखार दरिन्दो के

फ़क़त नाम हैं अलग

सही कहा जी।

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महफ़िल में आपका इस्तक़बाल है।